THE 5-SECOND TRICK FOR HANUMAN CHALISA

The 5-Second Trick For hanuman chalisa

The 5-Second Trick For hanuman chalisa

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भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं।

“Pains are going to be eliminated, all afflictions is going to be long gone of who remembers Hanuman the mighty brave a single.”

कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।

Sādhu SādhuGood people today / monks / renunciates santaSantaSaint keKeOf tumaTumaYou rakhavāreRakhavāreKeeper / guardian

भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।

व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज राम के दुलारे हैं। तात्पर्य यह है कि कोई बात प्रभु से मनवानी हो तो श्री हनुमान जी की आराधना करें।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

Rama is the king of all, he may be the king of yogis. You managed all his jobs, or in other translation, He whoever usually takes refuge in Rama you will manage all their tasks.

जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥ और देवता चित्त न धरई ।

The group needs to analyze the island, but none can swim or leap to date (it was common for such supernatural powers being frequent amongst figures in these epics). However, Jambavan appreciates from prior functions that Hanuman utilised to be able to do this type of feat with ease and lifts his curse.[fifty two]

भावार्थ – भगवान् श्री राघवेन्द्र ने आपकी बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम भाई भरत के समान ही मेरे प्रिय हो ।

. Several folks tales acclaim the virtues and supernatural powers of Hanuman. Recitation or chanting of the Hanuman Chalisa is a common spiritual apply between people all around India.

भावार्थ – ज्ञान click here और गुणों के सागर श्री हनुमान जी की जय हो। तीनों लोकों (स्वर्गलोक, भूलोक, पाताललोक) को अपनी कीर्ति से प्रकाशित करने वाले कपीश्वर श्री हनुमान जी की जय हो।

व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।

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